पानीपत का प्रथम युद्ध
21 अप्रैल 1526
यह युद्ध बाबर और इब्राहिम लोदी के मध्य लड़ा गया था
इब्राहिम लोदी लोदी वंश का अंतिम शासक था
पानीपत के इस युद्ध में बाबर की विजय हुई, इब्राहिम लोदी युद्ध में मारा गया |
इब्राहिम लोदी मध्यकाल का पहला शासक था जो युद्ध के मैदान में मारा गया |
पानीपत के युद्ध में प्रथम बार बाबर ने तुगलमा युद्ध नीति और तोपखाने का प्रयोग किया था
इस युद्ध में विजय के बाद बाबर ने काबुल के प्रत्येक निवासी को एक-एक चाँदी का सिक्का दान दिया इस उदारता के लिए इसे ‘कलंदर’ भी कहा गया|
तोपों का प्रयोग ‘उस्मानी पद्धति’ से किया गया था |
पानीपत के युद्ध को जीतकर बाबर ने ’27 अप्रैल 1526′ को पादशाह की उपाधि ली और भारत में मुग़ल वंश की स्थापना की |
खानवा का युद्ध
तिथि- 16 मार्च 1527
यह युद्ध बाबर और राणा सांगा के मध्य लड़ा गया |
राणा सांगा, सिसोदिया वंश से सम्बंधित था तथा मेवाड़ का राजपूत राजा था |
खानवा के युद्ध में बाबर ने राणा सांगा को पराजित किया |
बाबर ने इस युद्ध में ‘जिहाद’ (धर्मयुद्ध) की घोषणा की |
खानवा के युद्ध के बाद बाबर ने राजपूतों के कटे सरों के ढेर में बैठकर ‘गाजी’ की उपाधि ली |
चंदेरी का युद्ध
तिथि- 29 जनवरी 1528
यह युद्ध बाबर और मेदिनी राय के मध्य लड़ा गया |
मेदिनी राय युद्ध में पराजित हुआ और मारा गया |
इस युद्ध में राजपूत स्त्रियों ने ‘जौहर’ किया |
घाघरा का युद्ध
तिथि – 5 मई 1521
यह युद्ध बाबर और अफगानों के मध्य लड़ा गया |
इस युद्ध में अफगानों का नेतृत्व महमूद लोदी (इब्राहिम लोदी का चचेरा भाई) ने किया
मध्यकालीन इतिहास का ‘घाघरा का युद्ध‘ पहला युद्ध था, जो जल और थल दोनों पर लड़ा गया था |
दोहरिया का युद्ध
तिथि – 1532
यह युद्ध हुमायूँ और महमूद लोदी के मध्य लड़ा गया |
दोहरिया का युद्ध गोमती नदी किनारे लड़ा गया |
इस युद्ध में हुमायूँ की जीत हुई |
चौसा का युद्ध
तिथि – 26 जून 1539
यह युद्ध हुमायूँ तथा शेर खां (शेरशाह सूरी ) के मध्य लड़ा गया |
चौसा के युद्ध के दौरान हुमायूँ आने प्राण बचाने के लिए गंगा नदी में कूद गया, जहां निजाम नामक एक भिश्ती ने हुमायूँ की जान बचाई
इस युद्ध के बाद शेर खाँ ने शेरशाह की पदवी धारण की
हुमायूँ ने भिश्ती निजाम को उसकी जान बचाने के लिए एक दिन का बादशाह बनाया।
कन्नौज अथवा बिलग्राम का युद्ध
तिथि – 17 मई 1540
कन्नौज अथवा बिलग्राम का युद्ध हुमायूं और शेरशाह के मध्य लड़ा गया ।
इस युद्ध में शेरशाह विजय हुआ।
इस युद्ध के बाद शेरशाह ने हुमायूं को भारत से खदेड़ दिया तथा मध्यकाल के दूसरे अफगान वंश सूर वंश की स्थापना की।
Note – पहला अफगान वंश लोदी वंश था।
मच्छीवाड़ा का युद्ध
तिथि – 15 मई 1555
यह युद्ध हुमायूं तथा अफगानों के मध्य लड़ा गया जिसमें हुमायूं ने अफगानों को पराजित किया।
सरहिंद का युद्ध
तिथि – 22 जून 1555
सरहिंद का युद्ध का युद्ध हुमायूं और सिकन्दर सूर (सूर वंश) के मध्य लड़ा गया।
इस युद्ध को हुमायूं ने जीता तथा अफगानों (सूर वंश) की सत्ता समाप्त कर पुनः भारत में मुगल वंश की स्थापना की।
कालिंजर का युद्ध
तिथि – 22 मई 1545
कालिंजर का युद्ध शेरशाह और कीरत सिंह (कालिंजर का शासक) के मध्य लड़ा गया।
ये शेरशाह का अन्तिम अभियान था, इस युद्ध में बारूद के ढ़ेर में लगी आग के चपेट में आने से शेरशाह की मृत्यु हो गई।
पानीपत का द्वितीय युद्ध
तिथि – 5 नवम्बर 1556
अकबर तथा हेमू के बीच हुए पानीपत के युद्ध में अकबर विजय हुआ तथा हेमू युद्ध में मारा गया।
पानीपत की इस विजय का श्रेय अकबर के संरक्षक एवम सेनापति बैरम खां को दिया जाता है।
Note – हेमू मध्यकालीन भारत में एकमात्र हिन्दू शासक था, जिसने दिल्ली की गद्दी पर अधिकार किया।
हल्दी घाटी का युद्ध
तिथि – 18 जून 1576
हल्दी घाटी का युद्ध मानसिंह के नेतृत्व वाली मुगल सेना तथा मेवाड़ के वीर शासक महाराणा प्रताप के मध्य लड़ा गया।
अकबर ने इस युद्ध का नेतृत्व मानसिंह तथा आसफ खां को सौंपा था जबकि राणा प्रताप की सेना के एक भाग का नेतृत्व हकीम सूर नामक अफगान ने किया ।
बदायूंनी ने अपनी पुस्तक ‘मुंतखाब – उत – तवारीख’ में हल्दीघाटी के युद्ध का आंखों देखा वर्णन किया है
शाहजहां के चार पुत्रों दारा शिकोह, मुराद , शाहशुजा तथा औरंगजेब के बीच दिल्ली के सिंहासन पर अधिकार के लिए युद्ध हुए। जो निम्नलिखित हैं –
1- बहादुरपुर का युद्ध
तिथि – 14 फरवरी 1658
मुगल शाही सेना और शाहशुजा (शाहजहां का पुत्र) के मध्य बहादुरपुर का युद्ध बनारस के समीप लड़ा गया।
इस युद्ध में शाहशुजा पराजित हुआ।
2- धरमत का युद्ध
तिथि – 15 अप्रैल 1658
उज्जैन के पास औरंगजेब और मुराद की संयुक्त सेना तथा मुगल शाही सेना के मध्य धरमत का युद्ध लड़ा गया।
इस युद्ध में औरंगजेब और मुराद की संयुक्त सेना विजय रही।
औरंगजेब और मुराद शाहजहां के पुत्र थे।
3- सामूगढ़ का युद्ध
तिथि – 29 मई 1658
आगरा के समीप सामूगढ़ का ये युद्ध औरंगजेब तथा उसके बड़े भाई दाराशिकोह के मध्य लड़ा गया।
इस युद्ध में दाराशिकोह भाग गया।
युद्ध जीतने के पश्चात् औरंगजेब ने शाहजहां को बंदी बना लिया और मुराद को धोखे से बंदी बना उसकी हत्या कर दी।
4-खजुआ का युद्ध
तिथि – 5 जनवरी 1659
खजुआ का युद्ध का युद्ध औरंगज़ेब और शाहशुजा के मध्य लड़ा गया जिसमे शुजा पराजित हुआ ।
5- देवराई का युद्ध
तिथि – 13 मार्च 1659
अजमेर के समीप औरंगजेब तथा दारा शिकोह के मध्य लड़ा जाने वाला देवराई का यह युद्ध उत्तराधिकार के लिए लड़ा गया अंतिम युद्ध था।
औरंगजेब इस युद्ध में विजय हुआ तथा युद्ध के बाद दारा को मृत्युदण्ड दिया गया।
सराईघाट का युद्ध
तिथि – 1671
ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे सराईघाट (गोवाहाटी ,असम ) में मुगल सेना तथा अहोम साम्राज्य के बीच लड़ा गया।
मुगल सेना का नेतृत्व कच्छवाहा राजपूत राजा रामसिंह प्रथम ने तथा अहोम साम्राज्य की सेना का नेतृत्व लाचित बोड़फुकन ने किया।
मुगल सेना पराजित हुई।
करनाल का युद्ध –
तिथि – 24 फरवरी 1739
मुगल बादशाह मुहम्मदशाह और नादिर शाह के बीच।
नादिरशाह ने दिल्ली को लूटा तथा तख्त- ए -ताऊस और कोहिनूर हीरे को भी ले गया.
मुगल बादशाह ने अपने पुत्री ” शहनाज बानू “ का विवाह नादिर शाह के पुत्र “नासिरुल्लाह मिर्जा “ से करा दिया।
Note – नादिर शाह फारस शासक था।