Schedules of Indian Constitution
भारतीय संविधान की अनुसूचियां
Bhartiya samvidhan ki anusuchiyan
भारतीय संविधान की अनुसूचियां
अनुसूची -1
राज्य तथा संघ शासित प्रदेश केंद्र शासित प्रदेशों का उल्लेख।
Schedule -1 of Indian Constitution
State and Union Territories Union Territories.
अनुसूची-2
भारत के उच्च पदाधिकारियों अथवा संवैधानिक अधिकारियों की वेतन भत्ते तथा पेंशन आदि का उल्लेख।
Schedule -2 of Indian Constitution
Mention of salary allowances and pension etc. of high officials or constitutional officers of India.
Note- उच्च पदाधिकारी
राष्ट्रपति ,राज्यपाल ,लोकसभा के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष राज्यसभा के सभापति तथा उपसभापति ,सुप्रीम कोर्ट तथा हाई कोर्ट के न्यायाधीश भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक ,महान्यायवादी आदि।
Note-High officials
President, Governor, Speaker and Deputy Speaker of Lok Sabha, Chairman and Deputy Chairman of Rajya Sabha, Judges of Supreme Court and High Court, Comptroller and Auditor General of India, Attorney General, etc.
अनुसूचित-3
अनुसूचित -2 में जिन पदाधिकारियों की वेतन और भत्तों का उल्लेख है ,उन्हें विभिन्न पदाधिकारियों की शपथ का उल्लेख अवश्य 3 में किया गया है।
Schedule-3 of Indian Constitution
The oaths of various officials, whose salaries and allowances are mentioned in Scheduled 2 (schedule of indian constitution ), are mentioned in Part 3.
अनुसूची-4
विभिन्न राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों के लिए राज्यसभा की सीटों का बंटवारा।
Schedule-4 of Indian Constitution
Distribution of Rajya Sabha seats for various states and union territories.
अनुसूची-5
अनुसूचित जाति (sc) तथा अनुसूचित जनजाति (st) क्षेत्रों के प्रशासन तथा नियंत्रण का उल्लेख।
Schedule-5 of Indian Constitution
Mention of administration and control of Scheduled Caste (SC) and Scheduled Tribe (st) areas.
अनुसूची-6
असम, मेघालय ,त्रिपुरा और मिजोरम इन चार राज्यों में अनुसूचित जनजाति के प्रशासन तथा नियंत्रण का उल्लेख।
Schedule-6 of Indian Constitution
State of administration and control of Scheduled Tribes in these four states of Assam, Meghalaya, Tripura and Mizoram.
अनुसूची-7
केंद्र तथा राज्यों के बीच शक्ति के बंटवारे का प्रावधान।
इन शक्तियों का बंटवारा विषयों के आधार पर किया गया है ,जिसके निर्धारण के लिए तीन सूचियां बनाई गई है जो निम्न है :-
संघ सूची –
इस सूची में दिए गए विषय पर कानून बनाने का अधिकार संघ सरकार अर्थात केंद्र सरकार को होता है।
संघ सूची में पूर्व में 97 विषय थे, परंतु वर्तमान में 100 विषयों का उल्लेख है।
राज्य सूची –
इस सूची के तहत दिए गए विषयों में कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकार को प्राप्त है परंतु जहां पर राष्ट्र के हित की बात हो वहां केंद्र सरकार भी कानून बना सकती है।
राज्य सूची में पहले 66 विषय थे तथा वर्तमान में इसमें 61 विषयों का उल्लेख है।
समवर्ती सूची –
समवर्ती सूची में दिए गए विषयों पर केंद्र तथा राज्य सरकार दोनों को कानून बनाने का अधिकार प्राप्त होता है
परंतु टकराव की स्थिति में अर्थात केंद्र तथा राज्य दोनों के द्वारा कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार को प्राथमिकता दी जाएगी तथा केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून सर्वोच्च माना जाएगा।
समवर्ती सूची में पूर्व में 47 विषय थे तथा वर्तमान में इसमें 52 विषय हैं
Schedule-7 of Indian Constitution
Provision of power sharing between the Center and the States.
These powers have been divided on the basis of subjects, for which three lists have been made, which are as follows :-
Union List –
Union Government i.e Central Government has the right to make laws on the subject given in this list.
There were 97 subjects in the Union list in the past but currently 100 subjects are mentioned.
State List –
The State Government has the right to make laws in the subjects given under the State List, but the Central Government can also make laws where it is of interest to the nation.
Earlier there were 66 subjects in the state list and currently 61 subjects are mentioned in it.
Concurrent List –
Both the Center and the State Government have the right to make laws on the subjects given in the Concurrent List.
But in case of conflict, that is, both the Center and the State will be given priority to the Central Government if the subjects of the law are the same.
Laws made by the government will be considered supreme.
There were 47 topics in the concurrent list in the past and currently it has 52 subjects.
आठवीं अनुसूची-
इस अनुसूची में 22 भारतीय भाषाओं का उल्लेख किया गया है। मूल संविधान में 14 भाषाओं का उल्लेख था। परंतु समय के अनुसार अतिरिक्त अन्य 8 भाषाओं को भी इस अनुसूची में जोड़ा गया।
संविधान संशोधन के द्वारा आठवीं अनुसूची में जोड़ी गई भाषाएं =
- 21 वां संविधान संशोधन 1967 के द्वारा सिंधी भाषा को जोड़ा गया।
- 71 वें संविधान संशोधन 1995 के द्वारा मणिपुरी, नेपाली तथा कोकणी भाषा को जोड़ा गया
- 90 वे संविधान संशोधन 2003 के द्वारा बोडो, डोगरी , मैथिली तथा संथाली भाषा को जोड़ा गया।
Bhartiya samvidhan ki anusuchiyan
Schedule-8 of Indian Constitution
22 Indian languages are mentioned in this schedule. The original constitution contained 14 languages. But in time, additional 8 languages were also added to this schedule. (schedules of indian constitution )
Languages added to the Eighth Schedule by the constitution amendment
- Sindhi language was added by the 21st Constitution Amendment 1967
- The Manipuri , Nepali and Kokani languages were added by the 71st Constitutional Amendment 1995.
- Bodo, Dogri, Maithili and Santhali language were added by the 90th Constitutional Amendment 2003.
अनुसूची 9
भूमि सुधार एवं संपत्ति अधिग्रहण की विधियों का उल्लेख।
प्रथम संविधान संशोधन 1951 के तहत अनुसूची को संविधान में शामिल किया गया है।
इसमें यह प्रावधान रखा गया कि सरकार द्वारा बनाई गई भूमि सुधार अधिनियम को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।
वर्तमान में इस अनुसूची में लगभग 284 अधिनियम है।
परंतु 11 जनवरी 2007, में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्णय में , यदि इस अनुसूची में दिए गए अधिनियम किसी मौलिक अधिकार या संविधान की विधियों का उल्लंघन करें तो उसे न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है।
Schedule 9 of Indian Constitution
Mention of methods of land reform and property acquisition.
Under the First Constitution Amendment 1951.
The schedule included in the constitution and a provision was made that the Land Reform Act made by the government could not be challenged in the court.
At present there are about 284 acts in this schedule.
But in the decision given by the Supreme Court on 11 January 2007, if the Acts given in this Schedule violate any fundamental right or statutes elsewhere in the Constitution, then it can be challenged in the Court.
अनुसूची 10
राजनीतिक दलों के सदस्यों द्वारा चुनाव के पश्चात दलों की अदल – बदल करने को रोकने के लिए , 52 वें संविधान संशोधन 1985 , के द्वारा इस अनुसूची को संविधान में जोड़ा गया, इस अनुसूची में दल बदल कानून का उल्लेख किया गया है।
Schedule 10 of Indian Constitution
This Schedule added to the Constitution by the 52nd Constitutional Amendment 1985.
To prevent the parties from switching parties after elections by the Parties. This Schedule mentions the change of party law.
अनुसूची 11
11 वीं अनुसूची में पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन किया गया है।
इस अनुसूची को 73वें संविधान संशोधन 1992-1993 के तहत जोड़ा गया जिसमें पंचायतों को 29 विषय प्रदान किए गए हैं।
Schedule 11 of Indian Constitution
The 11th schedule (schedules of indian constitution ) describes the Panchayati Raj system.
The Schedule added under the 73rd Constitutional Amendment 1992-1993 in which 29 subjects have been provided to the Panchayats.
12वी अनुसूची
12 वीं अनुसूची में शहरी स्थनीय निकायों और संस्थाओं का उल्लेखकिया गया है।
इस अनुसूची को 74वें संविधान संशोधन 1993 के तहत संविधान में जोड़ा गया जिसमें शहरी संस्थाओं को 18 विषय प्रदान किए गए हैं।
12th Schedule of Indian Constitution
The 12th schedule (schedule of indian constitution ) mentions urban local bodies and institutions.
This Schedule added to the Constitution under the 74th Constitution Amendment 1993 , in which 18 subjects have been provided to the urban institutions.
Bhartiya samvidhan ki anusuchiyan
ब्रह्म समाज का विकास / Development of Brahmo Samaj
राजा राम मोहन रॉय – आधुनिक भारत का जनक
Bhartiya samvidhan ki anusuchiyan