ब्लैक बॉक्स (Black Box)
Black Box- दोस्तों अक्सर विमान दुर्घटना के पश्चात आपने समाचारों इत्यादि ओं में ब्लैक बॉक्स का जिक्र हमेशा सुना होगा ,जिसके विषय में कहा जाता है, कि विमान दुर्घटना के कारणों को स्पष्ट करने के लिए ब्लैक बॉक्स की खोज की जा रही है
आज हम अपने इस पोस्ट में इसी ब्लैक बॉक्स के विषय में जानकारी देंगे और जानेंगे की ब्लैक बॉक्स क्या होता है ? और यह क्या कार्य करता है ?
क्या होता है ? ब्लैक बॉक्स
What is a black box
ब्लैक बॉक्स ( black box ) विमान के पिछले हिस्से में रखा टाइटेनियम धातु से बना एक बॉक्स है, जिसके अंदर रिकॉर्डिंग उपकरण में , विमान के अंदर हर एक हलचल की ध्वनि को रिकॉर्ड किया जाता है।
विमान के पिछले हिस्से को दुर्घटना में अपेक्षाकृत कम नुकसान होता है
जिस कारण ब्लैक बॉक्स (black box) को पिछले हिस्से में रखा जाता है।
मजबूत धातु से बना ब्लैक बॉक्स (black box) टाइटेनियम जैसी मजबूत धातु का बना होता है
जो अत्यधिक ऊंचाई से जमीन पर गिरने अथवा समुद्र की गहराई में डूब जाने के पश्चात भी क्षतिग्रस्त नहीं होता है।
Black Box को फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर भी कहा जाता है।
ब्लैक बॉक्स नारंगी अथवा चटक लाल रंग का होता है
ब्लैक बॉक्स का इतिहास
History of black box
ब्लैक बॉक्स का इतिहास वर्ष 1953 – 54 के दशक में हवाई जहाज की लगातार बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए ब्लैक बॉक्स के अविष्कार का उपाय सामने आया
ब्लैक बॉक्स का अविष्कार
Black box invention
आखिरकार साल 1954 में एरोनॉटिकल रिसर्चर डेविड वॉरेन ने इसका आविष्कार किया.
जिसकी मदद से दुर्घटना के कारणों को जानकर भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके
शुरुआती दौर में इसे “रेड एग” के नाम से पुकारा जाता था क्योंकि इसकी बाहरी सतह का रंग लाल और भीतरी सतह का रंग काला था
संभवत भीतरी सतह के काले होने के कारण इसका नाम ब्लैक बॉक्स ( black box ) पड़ा।
कैसे काम करता है ?
How it works
ब्लैक बॉक्स दो अलग-अलग बॉक्स में बटा होता है।
1 . फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर
Flight data recorder
इसमें विमान की दिशा ईंधन हलचल गति ऊंचाई केबिन का तापमान जैसे आठ प्रकार के आंकड़ों को 25 घंटों से अधिक रिकॉर्ड जानकारी रखी जाती है।
यह बॉक्स 2 घंटे तक एक 11000 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान को सह सकता है तथा इसके पश्चात 10 घंटे तक 260 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान को सहने की क्षमता रखता है।
2 . कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर
Cockpit voice recorder
जैसा कि नाम से पता चल रहा है, इसमें इस बॉक्स में केविन की आवाज और कॉकपिट की आवाज को रिकॉर्ड किया जाता है
इसी के साथ-साथ इंजन और आपातकालीन अलार्म की आवाज और कॉकपिट में ही रही आवाजें यानी पायलेट और को-पायलेट के बीच की बातें रिकॉर्ड होती हैं. को भी यह बॉक्स रिकॉर्ड करता है।
यह बॉक्स विमान में अंतिम 2 घंटे की गतिविधियों की आवाज को रिकॉर्ड कर लेता है
ताकि दुर्घटना के पश्चात यह समझा जा सके के हादसे से पहले विमान का भीतरी माहौल कैसा था।
लगातार निकलती हैं तरंगें
Waves emanate continuously
अगर कभी कोई विमान दुर्घटना होती है , तो ब्लैक बॉक्स से लगातार एक तरह की आवाज निकलती रहती है,
यह आवाज खोजी दलों के द्वारा दूर से ही पहचानी जा सकती है
जिससे घटनास्थल का पता लगाकर उस स्थान तक पहुंचा जा सकता है।
जमीन पर ही नहीं यहां तक कि समुद्र में 20,000 फीट तक नीचे गिरने के बाद भी इस बॉक्स से आवाज और तरंगें निकलती रहती हैं
ये आवाजें लगातार 30 दिनों तक जारी रहती हैं.
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