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Hindustan Republican Association हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन : Hindlogy

हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन
Hindustan Republican Association



Hindustan Republican Association
हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन

  • गठन ( Formation ) – 1924 ईसवी
  • स्थान ( Location ) – कानपुर ( Kanpur )
  • संस्थापक ( Founder) – शचीद्रनाथ सान्याल

हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन कैसे हुआ ?
How was the Hindustan Republican Association formed?

शचिंद्र नाथ सान्याल की अगुवाई में योगेश चटर्जी तथा राम प्रसाद बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों ने मिलकर 1924 ईस्वी में कानपुर में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन ( Hindustan Republican Association )का गठन किया।

मुख्यतः बंगाल ( Bengal ) , बिहार ( Bihar) , उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ), पंजाब ( Punjab ), मद्रास ( Madras ) तथा दिल्ली ( Delhi ) जैसे प्रांतों में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन ( Hindustan Republican Association ) की शाखाएं स्थापित की गयी थी।
इन क्रांतिकारियों का उद्देश्य केवल स्वतंत्रता प्राप्त करना ही नहीं था,
अपितु स्वतंत्रता के बाद भारत कैसा होगा, इस बात को भी निश्चित करना था।
संगठन के अधिकांश क्रांतिकारियों का लगाव समाजवाद की ओर था।


काकोरी कांड (9 अगस्त 1925 ईस्वी )
Kakori scandal (9 August 1925 AD)

हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन को अपने क्रांतिकारी कार्यों को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता थी,
धन की इसी आवश्यकता को पुरा करने के लिए इन्होंने सरकारी खजाने को लूटने की योजना बनाई तथा राम प्रसाद बिस्मिल के सुझाव पर सहारनपुर-लखनऊ लाइन पर काकोरी जाने वाली 8 डाउन मालगाड़ी से सरकारी को लूट लिया।

इस काकोरी षड्यंत्र कांड (KAKORI SCANDAL) में 29 क्रांतिकारियों को गिरफ्तार कर उन पर मुकदमा चलाया गया,परिणाम स्वरूप 17 क्रांतिकारियों को लंबी सजा, 4 क्रांतिकारियों को आजीवन कारावास तथा निम्न 4 क्रांतिकारियों को फांसी की सजा दी गई-

  • राम प्रसाद बिस्मिल ( Ram prassad Bismil ) को गोरखपुर जेल में,
  • अशफाक उल्ला खां ( Asfaq ulaah Khan) को फैजाबाद जेल में,
  • रोशन लाल ( Roshan Lal ) को इलाहाबाद ( नैनी ) जेल में ,
  • राजेंद्र लाहिड़ी ( Rajendra Lahiri ) को गोंडा के जेल में फांसी दी गई।

NOTE – अशफाक उल्ला खां फांसी पर चढ़ने वाले पहले रिकॉर्डेड मुसलमान थे।
काकोरी षड्यंत्र कांड में चंद्रशेखर आजाद अंग्रेजी सरकार के हत्थे नहीं चढ़े तथा फरार हो गए।

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