MAIDAN
स्थलमंडल की संरचना में प्रमुख भाग के रूप में पर्वत और पठार के बाद धरातल पर मैदान स्थलमंडल तीसरी स्थलाकृति के रूप में जाने जाते हैं
मैदान ( maidan )किसे कहते हैं : Maidan kise kahate hai ?
What is a field called?
मैदान पृथ्वी का वह समतल भाग होता है जो पर्वत और पठार के बाद आता है
पूरे विश्व के 41% भाग में मैदानों का विस्तार पाया जाता है,
भारत में मैदानों का यह विस्तार 43% भूभाग पर है।
मैदान आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि मैदान कृषि, उद्योग, परिवहन, संचार इत्यादि आर्थिक क्रियाकलापों के लिए सुगम होते हैं।
मैदान (maidan ) के प्रकार
उत्पत्ति के आधार पर मैदानों को तीन भागों में बांटा जाता है।
(I) संरचनात्मक मैदान (Structural Plains)
(ii) अपरदनात्मक मैदान (Erosional Plains)
(iii) निक्षेपात्मक मैदान (Depositional Plains)
(i)संरचनात्मक मैदान (Structural Plains)
या
भूसंचलन मैदान (Diastrophic Plains)
ऊर्ध्वाधर रूप से भूसंचलन (vertical earth movement) के कारण महाद्वीपीय मग्नतट (continental shelves) का कुछ भाग समुद्र से ऊपर उठकर तटीय मैदान (coastal plain) तटिय मैदान का निर्माण करता है।
उदाहरण के तौर पर ,
प्रायद्वीपीय भारत का पूर्वतटीय मैदान।
U.S.A. का गल्फतटीय मैदान या अटलांटिक तटीय मैदान भी इसी प्रकार बना है।
(ii) अपरदनात्मक मैदान (maidan ) (Erosional Plains)
इस प्रकार के मैदानों का निर्माण नदियों , हिमानियों व पवन के द्वारा किये गये अपरदन के कारण होता है
नदियां, हिमनदें और पवनों उच्च भूमि को काटकर सपाट मैदान में परिवर्तित कर देती है।
अपरदन से बने इन मैदानों को कई भागों में बांटा जा सकता है। जो निम्न हैं –
(A) समतलप्राय मैदान (maidan ) (Peneplains)
समतलप्राय मैदान उस निम्न भूमि के रूप में होते है जिनका निर्माण अपक्षय और नदियों के सम्मिलित कार्य से कटकर होते ये मैदान प्रायः समतल न होकर ढाल वाले होते है
भारत में स्थित चंबल घाटी और स्वर्णरेखा घाटी इस प्रकार के मैदानों का उदाहरण है , अमेरिका में मिसीसीपी घाटी और दक्षिण अफ्रीका में समतलप्राय मैदान के कुछ क्षेत्र देखे जा सकते हैं।
9B) हिमानीघर्षित मैदान (Glacial Plains)
हिमनद या बर्फ से ढके क्षेत्रों में जब हिमानी की घर्षण क्रिया केद्वारा भूमि सपाट होकर मैदान का रूप ले लेती है,
तो इस प्रकार निर्मित मैदानों को हिमानीघर्षित या हिमप्रवाही मैदान कहते हैं।
भारत के कश्मीर हिमालय में हिमालय के दक्षिण-पूर्वी भाग पर स्थित लद्दाख मैदान (श्याक नदी के पूर्व तथा चांग चेन्मो नदी के उतर) में हिमानीघर्षित मैदान देखे जा सकते हैं।
(C) मरुस्थलीय मैदान (Pediiplains or Desert plains)
शुष्क तथा अर्ध शुष्क क्षेत्रों में वनस्पति का अभाव होने के कारण,
पवनों के द्वार होने वाले अपरदन से मरुस्थलीय मैदानों का निर्माण होता है।
उदाहरण के तौर पर ,
भारत में स्थित अरावली पर्वत के पश्चिम में जैसलमेर के निकट ऐसे शुष्क मैदान पाए जाते हैं।
सहारा और अरब में मरुस्थलीय मैदान का विस्तार बड़े भू भाग पर देखा जा सकता है।
(D) कार्स्ट मैदान (Karst plains)
जिन क्षेत्रों में चुना पत्थर बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं ,
उन स्थानों में वर्षा के जल द्वारा ये चुना पत्थर गुलने लगते है जिसे इन क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी कार्स्ट गुफाएं बनती हैं,
जो बाद में धंस कर गिर जाती हैं और उस स्थान पर कार्स्ट मैदानों का निर्माण करती हैं।
यूरोप में स्थित युगोस्लाविया में कार्स्ट प्रकट के मैदान देखे जा सकते हैं
मेक्सिको की खाड़ी के किनारे भी कार्स्ट प्रकार के मैदान देखे जा सकते हैं।
NOTE – कार्स्ट शब्द की उत्पात्ति यूगोस्लाविया के कार्स्ट प्रदेश के नाम से हुई है , जहाँ पर इस प्रकट स्थलरूप बहुतायत में पाए जाते हैं।
(iii) निक्षेपात्मक मैदान (Depositional Plains)
नदी, हिमनदी या पवनो के द्वारा किये जाने वाले निक्षेपण से निक्षेपात्मक प्रकार के मैदानों का निर्माण है।
निक्षेपात्मक मैदान (Depositional Plains) निम्न प्रकार के होते हैं।
A) जलोढ़ मैदान (Alluvial plains)
B) पवनोढ़ या लोएस मैदान
(A) जलोढ़ मैदान (Alluvial plains):-
जलोढ़ मैदान का निर्माण, नदियों के द्वारा अपने साथ बहाकर लाये गए कंकड़, पत्थर, बालू और पंक (मिट्टी के महीन कण) के एक बड़े भाग पर जमा के देने से होता है। जिससे जलोढ़ मैदान का निर्माण होता है
जलोढ़ मैदानों के उदाहरण है
पर्वतपदीय मैदान (Piedmont plain)
हिमालय में स्थित भाबर क्षेत्र पर्वतपदीय मैदान का सबसे अच्छा उदाहरण है।
इसी प्रकार संयुक्त राज्य अमेरिका में सेक्रामैंटो की घाटी में, उज्बेकिस्तान के समरकंद क्षेत्र में, चिली की घाटी में इस प्रकार के मैदान देखने को मिलते हैं।
बाढ़ मैदान (Flood plain)
नदियों में आने वाली बाढ़ में नदिया अपने साथ लायी हुई गाद , मिट्टी से समतल भाग का निर्माण क्र देती हैं इस प्रकार बने मैदान बाद मैदान कहलाते हैं
इसका उदाहरण है भारत में स्थित गंगा, ब्रह्मपुत्र, सिंधु नदी द्वारा बनाये गए बाढ़ के मैदान के उदाहरण है।
नील, आमेजन, मिसीसिपी, यांग्जी इत्यादि नदियों के नीचले अपवाह क्षेत्रों में बाढ़ के मैदानों का निर्माण हुआ है।
डेल्टा मैदान (Delta plain)
नदियां समुद्र में मिलने से पहले अपने साथ बहाकर लाये गये मलवों को जमा कर देती है। जिससे डेल्टा का निर्माण होता है। डेल्टा प्राय: त्रिभुजाकार होता है
भारत में गंगा नदी विश्व के सबसे बड़े डेल्टा “सुंदरवन डेल्टा” का निर्माण करती है
तटीय मैदान (Coastal plain)
कई बार कई डेल्टा आपस में तटीय मैदान का निर्माण होता है।
उदाहरण के तौर पर ,
भारत के पूर्वी तटीय भाग में गंगा, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी ,महानदी नदियों के डेल्टा मिलकर भारत के पूर्वी तटीय मैदान का निर्माण करते हैं।
(B) पवनोढ़ या लोएस मैदान (Loess plains)
पवन के द्वारा पवनोढ़ या लोएस मैदान का निर्माणहोता है।
पवनों द्वारा मरुस्थल से उड़ाए गए बालू काणों को किसी दुसरे स्थान में जमा करने (निक्षेप) से रेतीले मैदान (Sand plain) का निर्माण होता है,
ये रेतीले मैदान लोएस का मैदान (Loess plains) कहलाते है।
अर्जेंटीना में पंपास क्षेत्र तथा चीन में स्थित लोएस का मैदान इस प्रकार के मैदानों के उदाहरण है।