Nainital District – नैनीताल जिला
नैनीताल जिला Nainital jila
नैनीताल जिले Nainital jila का मुख्यालय नैनीताल (Nainital) शहर में स्थित है।
शहर की खोज का श्रेय पी बैरन को दिया जाता है , पी बैरन द्वारा इस शहर की खोज सन 1841 में की गयी थी।
एंग्लो – गोरखा (anglo gorkha) युद्ध में अंग्रेजों की विजय के पश्चात संधि के तहत प्राप्त क्षेत्र को प्रारंभिक तौर पर दो जिलों में विभाजित किया था।
कुमाऊं ( kumau ) तथा तराई (Tarai)
बाद में कुमाऊं ( kumau ) जिले के विभाजन के फलस्वरूप ही सन 1891 में नैनीताल ( Nainital ) को एक अलग जिले ( नैनीताल जिला ( Nainital jila ) के रूप में मान्यता दी गयी थी।
जिले के अस्तित्व में आने से पहले ही नैनीताल शहर ( Nainital shahar ) को 1850 में नगर निगम के रूप में मान्यता मिल चुकी थी,नैनीताल जिला पर्यटन की दृष्टि से उत्तराखंड ( uttrakahand ) राज्य के लिए काफी महत्व रखता है
नैनीताल जिला Nainital jila , नैनीताल शहर में स्थित नैनी झील ( Naini jheel ) तथा उसके आस पास स्थित कुछ झीलों के पूरे विश्वभर में प्रसिद्ध है।
नैनीताल जिले की भौगोलिक स्थिति और प्रशासन
Geographical location and administration of Nainital district –
नैनीताल जिला Nainital jila मुख्य रूप से चार जिलों से घिरा है ,जिसके पूर्व में चम्पावत ,पश्चिम में पौड़ी गढ़वाल , उत्तर में अल्मोड़ा और दक्षिण में उधम सिंह नगर स्थित हैं।
जिले का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 4251 वर्ग किमी है।
भौगोलिक रूप से नैनीताल जिले Nainital jile को दो भागों में बांटा जाता है ,
1 – पर्वतीय क्षेत्र
2 – भाबर (मैदानी ) क्षेत्र
भाबर bhabar नाम की उत्पत्ति यहाँ पर उगने वाली घास से हुई है
इस क्षेत्र में पानी जमीन के नीचे बहुत अधिक गहराई में मिलता है
कुल जनसंख्या – 9, 54,605 (वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार)
a ) पुरुष- 493666
b ) महिला- 460939
नैनीताल जिले Nainital jile की कुल नगरी जनसंख्या प्रतिशत –38.94%
ग्रामीण जनसंख्या प्रतिशत- 61.0 6%
नैनीताल जिले Nainital jile की कुल साक्षरता – 83.8 8%
a ) पुरुष साक्षरता – 90.07%
b ) महिला साक्षरता – 77.29%
महिला साक्षरता में नैनीताल जिला Nainital jila पुरे राज्य में दूसरे स्थान पर है
जिले का जनंख्या घनत्व -225 व्यक्ति/ वर्ग किमी नैनीताल जिला जनसँख्या घनत्व में राज्य के जिलों में चौथा स्थान रखता है
नैनीताल जिले Nainital jile की प्रशासनिक व्यवस्था
Administrative System of Nainital District
जिले के विधानसभा क्षेत्रों की संख्या -6
1 – भीमताल
2 -कालाढूंगी
3 -रामनगर
4 -लालकुआँ
5 -हल्द्वानी
6 -नैनीताल (अनुसूचित जाती sc के लिए आरक्षित )
नैनीताल जिले में स्थित तहसीलों की संख्या -9
1 -बेतालघाट
२-ओखलकांडा
3 -कुश्या कटौली
4 -नैनीताल
5 –हल्द्वानी
6 -कालाढूंगी
7 -लालकुआं
8 -धारी
9 -रामनगर
नैनीताल जिले Nainital jile के विकासखंड -8
1 -ओखलकांडा
2 -रामगढ
3 -कोटाबाग
4 -भीमताल
5 -धारी
6 -हल्द्वानी
7 -रामनगर
8 -बेतालघाट
नैनीताल जिले Nainital jile के प्रमुख संस्थान-
Major Institutions of Nainital District-
-कुमाऊं विश्वविद्यालय – नैनीताल (nainital)
इसकी स्थापना साल 1973 में की गयी थी
-उत्तराखंड ओपन विश्वविद्यालय – हल्द्वानी ( haldwani )नैनीताल
इसकी स्थापना साल 2005 में की गयी थी
-उत्तराखंड प्रशासनिक प्रशिक्षण अकादमी – नैनीताल ( nainital )
इसकी स्थापना 1988 में की गयी थी।
-लोक संस्कृति संग्रहालय – खुटानी ( भीमताल ) khutani bheemtal
डॉ यशोधर मठपाल द्वारा 1983 में इस संस्थान की स्थापना की गयी थी
-फारेस्ट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (वानिकी प्रशिक्षण संस्थान )
हल्द्वानी ( haldwani )
-वन एवं पंचायत प्रशिक्षण अकादमी – हल्द्वानी (नैनीताल ) haldwani (nainital)
-राष्ट्रीय पादप एवं जैविकी अनुसंधान केंद्र – भवाली ( bhowali )
-राष्ट्रीय शीत जल मत्स्कीय अनुसंधान केंद्र
भीमताल (bheemtal)
-टरार अनुसन्धानं केंद्र -भीमताल ( नैनीताल ) bheemtal (Nainital)
-तितलियों का संग्रहालय – भीमताल bheemtal
इस संग्रहालय की स्थापना फ्रेडरिक स्मेटा के द्वारा की गयी थी
-उमंग कला संस्थान – नैनीताल (Nainital)
-लघु उद्योग सेवा संस्थान -हल्द्वानी (haldwani)
-उत्तराखंड शिक्षा एवं परीक्षा परिषद् – रामनगर (ramnagar)
-मलेरिया शोध उन्मूलन केंद्र – भवाली ( bhowali )
-उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक अकादमी – भवाली
-उच्च शिक्षा निदेशालय – हल्द्वानी
-सेंट्रल हिमालयन इन्वॉयरमेंट एसोसिएशन – नैनीताल
-कुमाऊं मंडल विकास निगम
31 मार्च 1976 को नैनीताल में इसकी स्थापना हुई
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान जिसे एरीज के नाम से भी जाना जाता है का गठन सन 1954 में राजकीय वेधशाला के नाम से वाराणसी में हुआ था
सन 1955 में एरीज संस्थान को नैनीताल के शेर का डांडा मैं स्थानांतरित कर दिया गया
उसके बाद इस संस्थान को 1961 में नैनीताल के मनोरा पहाड़ी में स्थानांतरित कर दिया गया सन 2004 में एरीज को एक स्वायत्त संस्थान बना दिया गया
भारत का पहला मॉस गार्डन उत्तराखंड राज्य में नैनीताल जिले के खुर्पाताल क्षेत्र के लिंगधार गाँव में बनाया गया है
मॉस एक तरह की काई होती है , औषधि में इसका इस्तेमाल बहुतायत में होता है
देश का पहला परागण पार्क – हल्द्वानी (नैनीताल )
भारतीय पशु चिकित्सा शोध संस्थान
भारतीय पशु चिकित्सा शोध संस्थान की स्थापना सन 1893 में dr.अल्फ्रेड लिंगार्ड के द्वारा करी गई
इस स्थान को सर्वप्रथम इंपीरियल बैक्टीरियो लॉजिकल लैबोरेट्री के नाम से स्थापित किया गया था उसके पश्चात सन 1925 में इसका नाम बदलकर इंपीरियल इंस्टिट्यूट ऑफ वेटरनरी रिसर्च रखा गया
अब वर्तमान में इसे भारतीय पशु चिकित्सा शोध संस्थान के नाम से जाना जाता है
अल्फ्रेड लिंगार्ड एक पशु चिकित्सक थे, जिन्होंने यहां पर घोड़ों और गायों में होने वाले सर्रा रोग पर अध्ययन किया था
रानीखेत रोग के टीके का आविष्कार भी इसी संस्थान में किया गया था
यह संस्थान नैनीताल राज्य के मुक्तेश्वर में स्थित है
उच्च न्यायलय भवन/राजभवन
वर्ष 1990 में नैनीताल के मल्लीताल भाग में राजभवन या सचिवालय की स्थापना की गयी इसकी नीव 27 अप्रैल , 1897 को राखी गयी थी
इस भवन का निर्माण सर संटौनी मैक्डोनल्ड ने किया था ,यह भवन गौथिक शैली में निर्मित है
भवन को डिजाइन स्टिवंश और ऑरेटर ने किया था
इस भवन का आर्किटेक्ट बर्किंघम पैलेस की तर्ज पर है
बाद में 9 नवंबर २००० को उत्तराखंड राज्य के बनने के बाद इस भवन को उत्तराखंड के उच्च न्यायलय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया।
इस भवन में रहने वाले प्रथम ब्रिटिश गवर्नर अंटोनी मैक्डोनाल्ड थे
इस भवन में रहने वाली प्रथम भारतीय गवर्नर सरोजिनी नायडू थी
नैनीताल जिले में स्थित प्राणी उद्यान, वन्य जीव विहार एवं जैव संरक्षण संरक्षित क्षेत्र
Zoological Park, Wildlife Sanctuary and Bio-Conservation Protected Area located in Nainital District
1-कार्बेट नेशनल पार्क
कार्बेट नेशनल पार्क भारत देश ही नही बल्कि एशिया का भी पहला नेशनल पार्क है
1936 में इस नेशनल पार्क का गठन हुआ पहले इसे हेली नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता था
स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद इस नेशनल पार्क का नाम बदलकर रामगंगा नेशनल पार्क कर दिया गया अंत में 1957 में प्रकृति प्रेमी जिम कार्बेट के नाम पर इस पार्क का नाम जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कर दिया गया
इसका क्षेत्रफल 520 वर्ग किमी है और दो जनपदों में फैला है नैनीताल और पौड़ी इसका अधिकतर भाग पौड़ी जनपद में है
कॉर्बेट नेशनल पार्क का प्रवेश द्वार ढीकाला , नैनीताल में स्थित है
कॉर्बेट नेशनल पार्क को 1973 में भारत देश का पहला टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित किया गया .
साल 2013 में कॉर्बेट नेशनल पार्क में स्पेशल टाईगर प्रोटेक्शन फ़ोर्स का गठन किया गया है
2-नँधौर वन्यजीव विहार
नैनीताल जिले के नैनीताल उधम सिंह नगर की सीमा पर नँधौर वन्यजीव विहार स्थित है,नँधौर वन्यजीव विहार का गठन सन 2012 में किया गया था
3-पवालगड संरक्षण आरक्षित का गठन भी 2002 में नैनीताल में किया गया था
4-नैना देवी हिमालई बर्ड कंजर्वेशन –
इसकी स्थापना सन् 2015 में नैनीताल में की गई यहां पर पक्षियों की 600 से अधिक प्रजातियां हैं
5-गोविंद बल्लभ पंत उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान इसका गठन सन 1995 में नैनीताल में किया गया था
नैनीताल जिले के प्रमुख मंदिर
Major Temples of Nainital District
गर्जिया देवी का मंदिर –
देवी का यह मंदिर माता पार्वती को समर्पित है, गर्जिया देवी मंदिर को पहले उपटा देवी के नाम से जाना जाता था
गर्जिया देवी का मंदिर नैनीताल जिले के रामनगर के सुंदरखाल गांव में स्थित है यह
मंदिर कोसी नदी के बीच में एक छोटे से टीले पर स्थित है
ढिकुली जो कि कत्यूरियों की राजधानी थी गर्जिया मंदिर के पास ही स्थित है
गर्जिया मंदिर के पास ही सीतावनी और महर्षि वाल्मीकि के भग्नावशेष भी हैं
कैंची धाम आश्रम
कैंची धाम आश्रम में ही नीम करौली बाबा का मंदिर है
नीम करौली बाबा कैची धाम में 24 मई , 1962 में आये थे
कैंची धाम में ही हनुमान जी को समर्पित एक मंदिर भी है
15 जून 1964 को इस मंदिर में हनुमान जी मूर्ति की प्रतिष्ठा की गयी थी। तभी से 15 जून को प्रतिष्ठा दिवस मनाया जाता है
इसी उपलक्ष्य पर कैंची धाम में हर साल 15 जून के विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसमे देश विदेश से आये भक्त इस दिन इस भंडारे में निस्वार्थ भाव से अपना श्रमदान देते हैं
नैनादेवी मंदिर
नैनीताल झील के भाग मल्लीताल के किनारे पर नैना देवी का प्राचीन मंदिर अवस्थित है
इस मंदिर का निर्माण मोतीराम शाह के द्वारा कराया गया था हालांकि 1880 में आये एक भीषण भूकंप में इस मंदिर को काफी क्षति पहुची थी
नैनादेबी मंदिर में मा भगवती देवी के नेत्रों की पूजा की जाती है
घोड़ाखाल मंदिर
नैनीताल जिले के भवाली से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर घोड़ाखाल गाँव में यह मंदिर स्थित है जिसे घोड़ाखाल मंदिर के नाम स जाना जाता है
घोड़ाखाल का यह मंदिर गोलू देवता को समर्पित है
इस मंदिर को घंटियों के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है
घोड़ाखाल का शाब्दिक अर्थ है ” घोड़ों के लिए पानी का तालाब ”
नैनीताल जिले के प्रमुख मेले व महोत्सव
Major Fairs and Festivals of Nainital District
दशहरा मेला –
यह मेला नैनीताल के कालढूँगी क्षेत्र में लगता है
हरियाली मेला –
मकर संक्रांति के सुअवसर पर यह मेला नैनीताल जिले के भीमताल क्षेत्र में लगता है
जियारानी का मेला –
उत्तराखंड के इतिहास की प्रसिद्द वीरांगना जियारानी के नाम पर यह मेला हर साल उत्तरायणी के मौके पूष – माघ की आखिरी तिथि पर नैनीताल जिले के रानीबाग क्षेत्र में लगता है। इस दिन पूरे राज्य कत्यूरी वंशज यहाँ पर इकट्ठा होते हैं और गौला नदी के किनारे जियारानी की शिला पर दिया बत्ती करते हैं
सीतावनी का मेला –
रामनवमी के अवसर पर यह मेला नैनीताल जिले रामनगर में आयोजित किया जाता है
बेतालेश्वर महादेव का मेला –
यह मेला नैनीताल जिले में कोसी नदी के तट पर आयोजित किया जाता है
नैनीताल जिले के प्रमुख उद्योग व औद्योगिक क्षेत्र
Major Industries and Industrial Areas of Nainital District
नैनीताल जिले में एशिया का सबसे बड़ा कागज उद्योग स्थित है सेंचुरी पेपर एंड पल्प बोर्ड के नाम से यह उद्योग नैनीताल जिले के लालकुआं में स्थित है
हिंदुस्तान मशीन टूल्स एचएमटी का कारखाना नैनीताल जिले के रानी बाग में स्थित है
उत्तराखंड महिला संघ की स्थापना भी नैनीताल में 1994 की गई थी
Himalayan Chamber of Commerce and industries नैनीताल में स्थित है
नैनीताल के पटवा डांगर मैं वैक्सीन का कारखाना स्थित है
Electronics and telephone factory नैनीताल के भीमताल में स्थित है
अंग्रेजो के द्वारा सबसे पहले लीसा कारखाने की स्थापना नैनीताल के भवाली में ही की गई थी
चाय विकास बोर्ड ने सर्वप्रथम चाय फैक्ट्री नैनीताल के घोड़ाखाल में स्थापित की थी
नैनीताल में बोट हाउस क्लब है जिसकी स्थापना 1890 में करी गई थी
नैनीताल जिले मैं स्थित प्रमुख पर्वत व चोटीयां
Major Mountains and Peaks in Nainital District
जिले में कई प्रमुख पर्वत चोटियां अवस्थित है
नैनीताल में स्थित नैनी झील चारों ओर से सात पहाड़ियों से घिरी हुई है इस झील के उत्तर में नैना पीक (चाइना पीक ) चोटी अवस्थित है जिसकी ऊंचाई 2611 मीटर है जोकि इन सात चोटियों में सबसे ऊंची है
नैनी झील के ही पश्चिम में देव पाठा चोटी तथा दक्षिण में अयरपाठा चोटी स्थित है
प्रसिद्ध हिडिंबा पर्वत नैनीताल जिले में ही स्थित है
हनी बनी चोटी नैनीताल में स्थित है
शेर का डांडा और मनोरा पहाड़ी नैनीताल शहर में नैनी झील के पास स्थित है
स्नो व्यू और हार्डी गड़ी चोटिया भी नैनीताल में ही अवस्थित है
नैनीताल जिले के प्रसिद्ध दर्रे
Famous Pass of Nainital District
हिमालय की शिवालिक श्रेणी मैं स्थित चौकी घाट दर्रा नैनीताल में स्थित है
शिवालिक श्रेणी में ही चोरगलिया दर्रा स्थित है जोकि नैनीताल के हल्द्वानी में है
शिवालिक श्रेणी का बमोरी दर्रा नैनीताल के काठगोदाम में स्थित है
चीलकिला दर्रा और याचल कीला दर्रा नैनीताल के ढिकुली में शिवालिक श्रेणी पर है
नैनीताल जिला के जलप्रपात
Waterfall of Nainital district
प्रसिद्ध कार्बेट जलप्रपात नैनीताल जिले के कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है जोकि रामनगर से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कार्बेट जलप्रपात की ऊंचाई 60 फीट है
नैनीताल के भवाली के पास ढोकने झरना स्थित है
सुभाष धारा झरना नैनीताल के सटल में स्थित है
भालू गाड़ जलप्रपात नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर में है
वुडलैंड जलप्रपात नैनीताल में स्थित है
नैनीताल जिले की खनिज संपदा
Mineral wealth of Nainital district
उत्तराखंड राज्य में सर्वाधिक लोहा नैनीताल जनपद में पाया जाता
नैनीताल जिले के मझरिया क्षेत्र में जिप्सम मिलता है
नैनीताल जिले के कालाढूंगी और रामनगर क्षेत्रों से लोहे का मैग्नेटाइट अयस्क मिलता है
दोस्तों ,
HINDLOGY की इस पोस्ट में हमने नैनीताल जिले से सम्बंधित इतिहास , नैनीताल जिले के प्रमुख संस्थान , मेले व महोत्सव , प्रमुख मंदिरों के बारे में चर्चा की है अगली पोस्ट में हम नैनीताल जिले से सम्बंधित झीले व प्रमुख स्थलों बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे
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