उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार
Major festivals of Uttarakhand
Uttarakhand Ke Pramukh Tyohar
उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार : Uttarakhand Ke Pramukh Tyohar
Major festivals of Uttarakhand
भारत को त्यौहारों का देश कहा जाता है , भारत के अलग – अलग राज्यों में कई प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है , त्यौहार किसी राज्य या क्षेत्र विशेष की सभ्यता और संस्कृति को दर्शाते हैं।
उत्तराखंड राज्य में भी पूरे वर्ष भर अलग -अलग अवसरों पर कई प्रकार के त्यौहार मनाये जाते। तो आज की इस पोस्ट में हम उत्तराखंड के कुछ प्रमुख त्यौहारों की चर्चा करेंगे।
मकर संक्रांति ( घुघुतिया ) का त्यौहार
Festival of Makar Sankranti (Ghughutia)
उत्तराखंड में मकर संक्रांति का त्यौहार कुमाऊँ क्षेत्र में जनवरी ( हिन्दी कैलेंडर के अनुसार , माघ माह ) में घुघुतिया त्यौहार के रूप में मनाया जाता है
घुघुतिया त्योहार या ‘घुघुती’ त्यार मकर संक्रांति को स्थानीय भाषा में कहा जाता है।
इस दिन के अवसर पर घुघुत बनाये जाते हैं ,जिन्हें आटे से बनाया जाता है।
बच्चे इन घुघुतों को कोऔं को बुला कर खिलाते हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के हिस्से में मकर संक्रांति को ‘खिचड़ी’ त्योहार के रूप में मनाया जाता है।
घुघुतिया त्यौहार के बारे में जाने ,
उत्तराखंड का लोक त्यौहार – घुघुतिया ( उत्तरायणी )
फूल संक्राति(फूलदेई)
Phool Sankranti (Phooldei)
फूल संक्राति या फूलदेई त्योहार चैत्र मास ( हिन्दू कैलेंडर के प्रथम दिन ) को मनाया जाता है।
इस दिन छोटे बच्चे घर- घर जाकर घरों की देहरी में फूल चढ़ाते है ,
और उस घर की खुशहाली और सुख-शांति की कामना के लिए गीत गाते हैं।
बच्चों के द्वारा गया जाने वाला गीत इस प्रकार है –
फूल देई, छम्मा देई,
देणी द्वार, भरि भकार,
ये देली स बारम्बार नमस्कार,
फूले द्वार……फूल देई-छ्म्मा देई
घी-संक्राति (ओलगिया)
Ghee-Sankranti (Olgia)
घी-संक्राति का त्यौहार भादों या भाद्रपद ( अगस्त/सितम्बर ) महीने माह में की 1 गते (संक्राति) को मनाया जाता है।
यह त्यौहार अंकुरित हो चुकी फसल में बालिया लग जाने पर “घी त्योहार” के रूप में मनाया जाता है।
पूरे उत्तराखंड में इस दिन सभी गढ़वाली और कुमाउनी सभ्यता के लोग घी खाना शुभ मानते है।
हरेला त्यौहार
Harela Festivals
हरेला त्योहार श्रावण माह ( जुलाई /अगस्त ) में मनाया जाने वाला त्यौहार है।
यह त्योहार उत्तराखंड राज्य के प्रमुख त्योहारों में से एक है।
इसमें हरेले से दस दिन पहले हरियाली डाली जाती है या किसी बर्तन में अलग प्रकार के बीज बोये जाते है,
इस प्रकार बोये गए बीजों से जो हरयाली या फसल उगती है,
उसे हरेला पर्व के दिन काटकर देवी – देवताओं को चढ़ाया जाता है।
खतड़वा त्यौहार
Khatarwa festival
अश्विन माह ( सितंबर / अक्टूबर ) की संक्राति को कुमाऊँ क्षेत्र में मनाया जाता है।
स्थानीय भाषा में इस त्यौहार को गाईत्यार या गौ त्यार या पशुओं का त्योहार भी कहा जाता है।
इस दिन लोग लकडीयां और सुखी घास-फूस को इकठ्ठा करते है, जिसे ‘खतडुवा’ कहते हैं।
अश्विन माह की एक गते को खतडुवा को जलाया जाता हैं।
बिखोती (विषुवत संक्राति)
Bikhoti (Equatorial Sankranti)
उत्तराखंड राज्य में विषुवत संक्रांति को बिखोती के नाम से भी जाना जाता है।
बैशाख माह के पहले दिन बिखोती (विषुवत संक्राति) का त्योहार मनाया जाता है।
चैतोल त्यौहार
Chaitol festival
उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में चैत्र माह की अष्टमी को चैतोल त्यौहार मनाया जाता है।
इस देवल देवता ( इनको भगवान शिव का अंश मन जाता है ) की पूजा -अर्चना की जाती है।
आँठू
Anthu
यह त्यौहार भाद्रपद मास ( अगस्त / सितंबर ) की सप्तमी व अष्टमी को मनाया जाता है।
इसमें चांचरी नृत्य का आयोजन किया जाता है, और गौरा-महोत्सव की पूजा की जाती है।
कलाई
kalai
यह त्यौहार उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में फसल काटने के दौरान मनाया जाता है।
जागड़ा त्यौहार
Jagada Festival
जागड़ा त्यौहार महासू देवता से सम्बंधित त्योहार है।
यह त्यौहार भाद्र मास को मनाया जाता है।
NOTE – महासू स्थानीय भाषा में महाशिव का अप्रभंश है , महासू चार देवताओं का सामूहिक नाम है,
इन चारों महासू देवताओं के नाम हैं –
बासिक महासू , पबासिक महासू , बूठिया महासू ( बैठा महासू ) और चालदा महासू।
भिरोली
Bhirauli
भिरोली त्यौहार संतान कल्याण के लिए माने जाने वाला त्यौहार है।
नुणाई त्योहार
Nunai Festival
यह त्यौहार जौनसार – भाबर क्षेत्र का प्रमुख त्योहार है ,
जो की श्रावण मास में मनाया जाता है।
दीपावली (बग्वाल)
Deepawali ( Bugwal )
उत्तराखंड में दीपावली को बग्वाल के नाम से भी जाना जाता है।
इसमें बड़ी दीपावली की रात को छिलके ( जो चिड के पेड़ की लड़की से प्राप्त होता ) स्थानीय भाषा में इसे ” छिलुक ” कहा जाता है,
इसकी रोशनि जला कर भैला-खेल खेला जाता है।
इस पर्व के अवसर पर गौ माता की पूजा की जाती है तथा गाय को मिठा पकवान दिया जाता है।
थारू जनजाति में यह पर्व शोक पर्व रूप में मनाया जाता है।
रक्षा बन्धन
Raksha Bandhan
रक्षा बंधन त्यौहार को उत्तराखंड के गावों में जन्यो-पुण्यो के नाम से जाना जाता है।
यह त्यौहार श्रावण माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
सारा त्यौहार
Sara Festival
बैशाख माह में उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में यह त्यौहार मनाया जाता है।
इस त्यौहार में मुख्य रूप से नंदा देवी के दूतों की आराधना की जाती है।
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